Saturday, April 18, 2009
मिस कॉल गर्ल!
इन दिनों बहुत परेशान हूं। मोबाइल का बिल कुछ ज्यादा ही हो गया है। बहुत सारी मिस कॉल गर्ल का इसमें योगदान है। अरे भई, यहां शब्दों का स्पेस खत्म करने के चक्कर में भावना को गलत मत समझियेगा। मेरी भावना को समझेंगे, तभी तो भावना आपको समझेगी। क्यों...दरअसल, मैं किसी कॉलगर्ल की बात नहीं कर रहा हूं। मैं एक मिसकॉल गर्ल यानी हमेशा मिसकॉल करने वाली लड़कियों की बात कर रहा हूं। अभी परीक्षाएं खत्म हुई हैं। इस बीच महसूस हुआ कि अच्छे-अच्छे करोड़पति घरों की लड़कियों को भी मिसकॉल से बड़ा प्यार है। एक बार गलती से एक मिसकॉल गर्ल का फोन अटेंड कर लिया तो मुझ पर बरस पड़ी-अरे यार, मेरा फोन क्यों उठाया। काटकर दोबारा करना चाहिए। वाह भई, काम चाहे खुद का हो, लेकिन करेंगी मिसकॉल ही। इन मिसकॉल गर्ल जैसे लोग बहुत-से लोग आपके-हमारे सर्किल में हैं। मेरे सर्किल में तो कई ऐसे मिसकॉल पर्सन भी हैं, जिनके पास बीस-पच्चीस हजार की कीमत का मोबाइल सैट है और खुद का फोर व्हीलर भी। फोन पर कॉलर ट्यून का बिल भर सकते हैं, लेकिन कॉल करने में पसीने छूटते हैं। कुछ मिसकॉल प्रेमी तो ऐसे हैं, जिनकी मिसकॉल पर तुरंत फोन नहीं किया तो रौब से कहेंगे-यार तुम तो हमारा फोन ही नहीं उठाते। ...खैर अपन तो टाइमपास के लिए कुछ लिखने बैठे थे पर अगर भूले-भटके मिसकॉल प्रेमी भावना को समझ गए हों तो प्लीज मिस्ड कॉल से रिसीवड कॉल में आने की कृपा करें।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
7 comments:
yaar ye miss call girl sabhi ladkon ko bahut pareshan karti hain shayad :) :)
काल भले कोई करे न मिस करना भाय।
काल करें फिर से वहीं केवल यही उपाय।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
वे आपको मिस करती हैं ... इसलिए तो मिस काल करती है ... फिर भी आपने उन्हें मिस काल गर्ल बना दिया।
"अपने" दिनों में मेरी भी ऐसी किसी कन्या से भिड़ंत हुयी थी। मुझसे दोगुना पैसा कमाती थी, फिर भी उसके मिस कॉल मैं ही रिटर्न किया करता था। बिलकुल आयकर के रिटर्न की ही तरह। बात सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं थी, एक बार जब उससे मिलके आया तो खाने का सारा बिल भी मैंने ही चुकाया था। उसको अॉटो में बिठाते हुये अॉटो वाले के हाथ में पचास का पत्ता भी थमाया था।
आज उन दिनों के बारे में सोचता हूँ तो चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान छा जाती है! :)
प्रिय बन्धु
बहुत अच्छा लगा आपका लेखन
आज कल तो लिखने पढने वालो की कमी हो गयी है ,ऐसे समय में ब्लॉग पर लोगों को लिखता-पढता देख बडा सुकून मिलता है लेकिन एक कष्ट है कि ब्लॉगर भी लिखने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं जबकि पढने पर कम .--------
नई कला, नूतन रचनाएँ ,नई सूझ ,नूतन साधन
नये भाव ,नूतन उमंग से , वीर बने रहते नूतन
शुभकामनाये
जय हिंद
बहुत ही सुंदर लिखा है आपने ! ऐसे ही लिखते रहिये और हम पड़ते रहेंगे !
Post a Comment