Wednesday, September 9, 2009

बीवी बड़ी या ब्लॉग?


काफी वक्त पहले यूं ही हमसे किसी ने पूछा था कि अक्ल बड़ी या भैंस? मैंने भी वैसा ही जवाब दे दिया कि भैंस तो देखी है, जरा अपनी अक्ल के दर्शन करवा दें तो आपके सवाल को एकदम सही हल कर दूं। ...खैर, अब एक नई कहावत रचने का मन है-बीवी बड़ी या ब्लॉग? देखा तो सभी ने बीवी को भी है और ब्लॉग को भी, लेकिन जवाब सभी का अलग-अलग हो सकता है। इस पोस्ट को प्रकाशित करने की राजीव जैन जी ने सहर्ष अनुमति दे दी है। अपने राजीव जैन जी की 'शुरुआतं' (www.shuruwat.blogspot.com) कइयों को ब्लॉगिंग की दुनिया में लाने की प्रेरणा बनी है। ब्लॉगिंग की तकनीकी जानकारी के लिए आज भी राजीव जी का नाम ही सबसे पहले जुबां पर आता है। वैसे बात बीवी और ब्लॉग की हुई है तो इसका कारण भी अपने राजीव ही हैं। ब्लॉगिंग की दुनिया के चमकते सितारे होने के अलावा किसी जमाने में जी-टॉक पर भी वे चौबीस घंटे ऑनलाइन नजर आते थे। ऑरकुट मे 'अजब है जिंदगीं' टाइटल के साथ भी वे सक्रिय थे, लेकिन आजकल वे गायब-से रहने लगे हैं। स्कूलों में बच्चों का नया सेशन शुरू हुआ तो इन्होंने भी सोचा कि क्यों न अजब जिंदगी को सच्ची में अजब बनाने के लिए जिंदगी का नया सेशन शुरू कर लें। इस तरह एक जुलाई को राजीव जी बने दूल्हा और हो गई जिंदगी की नई शुरुआत। इस बीच छूट गया ब्लॉगर्स साथियों का साथ। कभी एक दिन में दो-दो पोस्ट लिखने वाले राजीव जी महीनेभर का गैप देने लगे हैं। तीस अगस्त को 'आज मैंने किराए पर दो रुपए ज्यादा दिए' लिखा। इससे ठीक एक महीना पहले उन्होंने तीस जुलाई को 'राजस्थान में हर आदमी आरक्षितं' पोस्ट लिखी थी और इससे पहले शादी के ठीक बीस दिन बाद ऑफिस लौटने पर कुछ लिखा तो नहीं पर एक मित्र के साथ हुई चैटिंग को ब्लॉगर्स से रूबरू करवाया था। अभी उनसे शादी की तारीख पूछी तो जवाब मिल गया, लेकिन सगाई की तारीख पूछी तो जरा सोचने के बाद वे बोले-याद नहीं, बीवी से पूछना पड़ेगा।
ये वही राजीव जैन हैं, जिन्होंने सभी ब्लॉगर साथियों को एक मंच पर लाने के लिए 'लिंक रोड' बनाई है। पहले फिल्म समीक्षा और हर छोटी-बड़ी घटना पर लिखने वाले राजीव जी ने शायद शादी के बाद कोई फिल्म भी नहीं देखी है। एक फिल्म देखते हुए उन्हें अक्षय कुमार की गर्दन के सफेद बाल तक नजर आ गए थे। शादी के बाद शायद कोई फिल्म उन्होंने देखी भी हो, लेकिन अब सफेद बाल या किसी और चीज पर उनकी टिप्पणी 'शुरुआत' पर नजर नहीं आई। अभी दो दिन पहले हमने ब्लॉग से नाराजगी का कारण पूछा तो उनके मुंह खोलने से पहले जैसे उनकी आंखें हॉकिंग्स विज्ञापन के अंदाज में बोल पड़ीं-'जो बीवी से करे प्यार, वो ब्लॉगिंग से करें इनकार...।' चलिए, बहुत हुआ। राजीव जी को शादी की बधाई दीजिए। चलते-चलते 'शुरुआत' पर मार्च से अब तक लिखी गईं पोस्टों पर एक नजर। देखिए, घंटों का अंतर महीने में कैसे बढ़ा...
7 मार्च: एक अच्छी हॉरर फिल्म है 13-बी
8 मार्च: चल बसा एक गुमनाम सांसद
16 मार्च: क्या किसी ने देखे हैं भूत?
18 मार्च: आमिर का नया गेटअप
21 मार्च: बाप रे, सत्तर हजार की जगह सात लाख रुपए
22 मार्च: सरेआम फांसी की सजा सुनाने वाले जज विदा
24 मार्च: बीमा एजेंटों के काम का सबूत हैं अखबार
1 अप्रेल: आज तो सही में गार्ड ने भगा दिया
1 अप्रेल: मुझे नहीं बनना टीवी पत्रकार
4 अप्रेल: एकदम पकाऊ तस्वीर, गले नहीं उतरती कहानी (समीक्षा)
9 अप्रेल: सिर्फ तस्वीरें और कैप्शन
12 अप्रेल: बाप रे, एक और मंदिर
14 अप्रेल: इतने डे क्या कम थे, जो मेट्रीमोनी-डे भी आ गया
18 अप्रेल: सर्किल नहीं, मौत का कुआं है
23 अप्रेल: असमंजस, क्या हम सही हैं?
27 अप्रेल: काश, ऑनलाइन मिलता खाना
6 मई: जयपुर की सड़क पर ये स्टंट
13 मई: जयपुर में विस्फोट के एक बरस बाद
15 मई: हर गलती सजा मांगती है
3 जून: आखिर बेच डाली छह सौ किलो रद्दी
21 जुलाई: शादी के बाद...(इस पोस्ट में सिर्फ चैटिंग को कॉपी-पेस्ट किया गया)
30 जुलाई: राजस्थान में हर आदमी आरक्षित
30 अगस्त: आज मैंने किराए पर दो रुपए ज्यादा दिए

16 comments:

शरद कोकास said...

इसका सिर्फ और सिर्फ एक हल है पत्नी को भी ब्लॉगिंग सीखा दी जाये । हो सकता है बाद मे आपको एक पोस्ट लिखनी पड़े "शौहर बड़ा या ब्लॉग "

अर्कजेश said...

अब वो एक शौहर हैँ ब्लागर के सिवा ।
वापसी होगी ।

Udan Tashtari said...

शरद भाई की सलाह से सहमत!!

विवेक रस्तोगी said...

हमने हमारी पत्नी को ब्लॉग पढ़ने का शौक लगा दिया अब उनके लिये ब्लॉग भी बना कर दे रहे हैं जल्दी ही आपको मेरी पत्नी भी ब्लॉग जगर पर पढ़ने को मिलेंगी। सिखा दो भई सुखी रहोगे।

अनिल कान्त said...

नए नए दूल्हे रजा है :)

अनिल कान्त said...
This comment has been removed by the author.
Batangad said...

देख भई। बड़ी तो बीवी ही है। हां, ये सवाल बार-बार मुंह न चिढ़ाए इसलिए भले बीवी को ब्लॉगिंग करना न सिखा पाएं। ब्लॉग पाठक जरूर बनाएं।

डिम्पल मल्होत्रा said...

or bhi gam hai zmane me blog ke siwa......apka post likhne ka dhang interesting hota.....

Urmi said...

बहुत बढ़िया लिखा है आपने! बीवी सबसे पहले है उसके बाद ब्लॉग! आप अपनी बीवी को भी ब्लोगिंग करना सिखा दीजिये!

sandeep sharma said...

इतनी सी बात पर चिंता नहीं होनी चाहिए...
अभी छः महीने हुए हैं, चार महीने और गुजरने के बाद राजीव यहीं मिलेगा....

तात्पर्य : शादी के शुरूआती एक साल तक बीवी बड़ी होती है, उसके बाद और पहले ब्लॉग या कोई और, ये चर्चा का विषय है...

निर्मला कपिला said...

मै भी शरद जी की बात से सहमत हूँ । अच्छी पोस्ट और नस्त सवाल बधाई

Anonymous said...

yaar aap se 4 ruppy mangta tha.... mast likha hai

sudhakar soni,cartoonist said...

भैया ये पत्नी फ्लू है , गंभीर स्टेज पर पंहुच जाएँ तो आदमी किसी कम का नहीं रहता है |इस वायरस का सबसे बड़ा लक्षण है कि आदमी क्रियेटिव काम करना बंद कर देता है और इसका अभी टीका भी नहीं बना है ,इसलिए राजीव भाई के लिए दुआ करो

राजीव जैन said...

bhai

kuch likha hai dekh lena

http://shuruwat.blogspot.com/2009/09/blog-post.html

somadri said...

kyu be-chare ko pareshan kar rahe ho....

बवाल said...

हा हा बहुत माइन्यूट ऑबज़र्वेशन है भाई आपका।